लक्ष्मी आरती (Laxmi Aarti)

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लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं। पार्वती और सरस्वती के साथ, वह त्रिदेवियाँ में से एक है और धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश सहित पूजा की जाती है। जिनका उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद के श्री सूक्त में मिलता है।

लक्ष्मी आरती 

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...

उमा रमा ब्रह्माणी,
तुम ही जग-माता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत,
नर ऋषि मुनी गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...

दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,
ऋद्धि सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम पाताल-निवासिनि,
तुम ही शुभदाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि,
भव निधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...

जिस घर में तुम रहो,
सदा सुख समाता।
चरण कमल की सेवा,
नित सुख संपत्ति लाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...


Laxmi Aarti 

Om Jai Lakshmi Mata,
Maiya Jai Lakshmi Mata.
Tumko nishdin sevat,
Har Vishnu Vidhata.
Om Jai Lakshmi Mata...

Uma Rama Brahmani,
Tum hi Jagmata.
Surya Chandra Ma Dhyavat,
Nar Rishi Muni Gata.
Om Jai Lakshmi Mata...

Durga Roop Niranjani,
Sukh Sampatti Data.
Jo koi tumko dhyavat,
Riddhi Siddhi Dhan Pata.
Om Jai Lakshmi Mata...

Tum Patal Nivasini,
Tum hi Shubhdata.
Karma Prabhav Prakashini,
Bhav Nidhi ki Trata.
Om Jai Lakshmi Mata...

Jis ghar mein tum raho,
Sada sukh samata.
Charan Kamal ki Seva,
Nitya sukh sampatti lata.
Om Jai Lakshmi Mata...

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